Post Mauryan Period Hindi|मौर्य काल के बाद की स्थिति

नमस्कार दोस्तों Post Mauryan Period में आपसभी का स्वागत है। आजके इस पोस्ट में हम Post Mauryan Period के बारे में जानेंगे। जिसमे सुंग वंश, कण्व वंश और सातवाहन वंश थे। जो मौर्य  के मूल उत्तराधिकारी माने जाते है। इसके साथ भारत में विदेशी प्रभाव का आगमन की कालानुक्रमिक श्रृंखला के बारे में भी जानेंगे। जिसमे  इंडो – ग्रीक, शक (Sakas), पार्थियन और कुषाण थे। और, इस पोस्ट में मौर्य काल के बाद में गठित हुई कुछ तथ्य के बारे में भी विस्तार से जानेंगे।

Sunga Dynasty : 185 BC – 73 BC Post Mauryan Period

  • मौर्य साम्राज्य के अंतिम शासक बृहद्रथ था।
  • और, उनके ब्राह्मण कमांडर थे पुष्यमित्र सुंगा
  • जिन्होने, 185 ईसा पूर्व में सुंग वंश की स्थापना की थी।
  • सुंग वंश की राजधानी मध्यप्रदेश की विदिशा शहर था।
  • पुष्यमित्र सुंगा ब्राह्मण कुल से थे।
  • और, मौर्य शासन काल में ब्राह्मणवादी प्रभाव काफी कम था।
  • क्यूंकि उस समय जैन धर्म और बुद्ध धर्म का काफी प्रभाव था।
  • और, सम्राट अशोक ने भी बुद्ध धर्म प्रचार के लिए काफी कुछ किया था।
  • इसलिए, सुंग वंश के समय काल में पुष्यमित्र सुंगा ने ब्राह्मणवादी प्रभाव का पुनरुद्धार किया था।
  • जिसकी वजह से, भागवत धर्म काफी महत्वपूर्ण हो गया था।
  • पुष्यमित्र सुंगा रूढ़िवादी हिंदू धर्म का एक कट्टर अनुयायी था।
  • और, पुष्यमित्र सुंगा ने आपने शासन काल में दो ‘अश्वमेध यज्ञों’ भी कराये थे।
  • जिनके पुजारी पतंजलि नाम का व्यक्ति था।
  • पतंजलि का जन्म मध्य भारत में गोनार्दा में हुआ था।
  • और, वे ‘महाभाष्य’ के भी लेखक थे।
  • सुंग शासन काल में ही पुष्यमित्र सुंगा ने कालिदास द्वारा लिखित नाटक ‘मालविकाग्निमित्र’ में आपने पुत्र अग्निमित्र को इस नाटक का नायक बनाया था।
  • और, राजा पुष्यमित्र ने आपने  शासन काल के दौरान अशोक द्वारा निर्मित सांची स्तूप को घेरने वाली बारीक प्रवेश रेलिंग का भी निर्मित करवाया था।
  • हालाँकि, अग्निमित्र के बाद, वसुमित्र, वज्रमित्र, भागभद्र, देवभूति  जैसे  कमजोर  शासकों की एक श्रृंखला का अनुसरण किया गया था,
  • जिससे  सुंग राजवंश का पतन  हुआ था।           

इन पोस्ट को पड़े – Samrat Ashok History

Kanva Dynasty : 73 BC – 28 BC

  • सुंग वंश के अंतिम शासक देवभूति थे।
  • और, उनके मंत्री थे वासुदेव
  • जिन्होने 73 ईसा पूर्व में, सुंग वंश की राजा देवभूति की हत्या कर दी थी।
  • और, सिंहासन पर कब्जा कर कण्व वंश की स्थापना कर दी थी।
  • कण्व वंश की राजधानी बिहार के पाटलिपुत्र था।
  • लेकिन, यह वंश ज्यादा समय शासन कर नही पाया था।
  • तथा, इस वंश के अंतिम शासक ससुरमान थे।
  • और, 28 ईसा पूर्व में कण्व शासन काल की अवधि समाप्त हो गई थी।    

Satavahana  Dynasty : 60 BC – 225 AD (Capital – Paithan)

  • कण्व वंश के बाद 60 ईसा पूर्व – 37 ईसा पूर्व में सातवाहनों ने दक्खन (Decan) और मध्य भारत तक आपने साम्राज्य को फैला दिया था।
  • और, सिमुका सातवाहन वंश का संस्थापक था।
  • तथा, सातवाहनों को पुराणों में वर्णित आन्ध्रों के समान माना जाता था।
  • तथा, सातवाहन वंश के महान शासक थे गौतमीपुत्र सातकर्णी
  • जिन्होंने 106 – 130 ईसा में सातवाहन शक्ति को पुनर्जीवित किया,
  • और, शक (Sakas) क्षत्रप नहपान को हराया।
  • और, 23 वें सबसे बड़े सातवाहन शासक वने।
  • तथा, इस वंश के 24 वें शासक वाशिष्ठिपुत्र श्री सताकर्णी का विवाह शक क्षत्रप रुद्रदमन की पुत्री से हुआ था।
  • लेकिन उनके द्वारा दो बार पराजित हुए थे।
  • और, इस वंश के 27 वें शासक यज्ञ श्री सातकर्णी अंतिम महान शासक थे।
  • तथा, पल्लमवी III, इस वंश का 30 वां शासक था।
  • जो अंतिम सातवाहन शासक थे।
  • तथा, सातवाहनों की आधिकारिक भाषा प्राकृत थी।
  • और, सातवाहन ने राजकोषीय और प्रशासनिक प्रतिरक्षा के साथ ब्राह्मणों और बौद्ध भिक्षुओं को भूमि दान करने की भी प्रथा शुरू की थी।
  • तथा, भारत में भूमि अनुदान के सबसे पुराने शिलालेख में प्रमाण पहली शताब्दी ईसा पूर्व के हैं।
  • इसके इलावा, सातवाहनों ने मुख्य रूप से तांबे, कांस्य के सिक्के भी जारी किए थे।                              
Post Mauryan Period
Post Mauryan Period

The Indo – Greeks: 2nd Century BC

  • मौर्य काल में इंडो – ग्रीक्स उत्तर पश्चिमी भारत के पहले विदेशी शासक थे।
  • और, उनके प्रसिद्ध शासक का नाम था मेनआनडर, जिन्हे मिलिंडा के रूप में भी जाना जाता था।
  • 165  – 145 ईसा पूर्व में मिलिंडा ने बौद्ध धर्म से प्रभावित होकर बौद्ध धर्म को अपना लिया था।
  • और, बौद्ध धर्म में उनके गुरु के नाम थे नागसेन जिन्हे नागार्जुन के नाम से भी जाना जाता था।
  • तथा, इंडो – ग्रीक शासन काल भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण है,
  • क्योंकि बड़ी संख्या में सिक्के उसी शासन काल में जारी किये गए थे।
  • तथा, इंडो – ग्रीक भारत में सोने के सिक्के जारी करने वाले पहले शासक थे।
  • और, उत्तर पश्चिमी भारत में गांधार स्कूल को शुरू करने का श्रेय इंडो – ग्रीक के ऊपर जाता है।
  • इसके साथ इन स्कूल में ‘हेलेनिक’ यानी ग्रीक सुविधाओं और ग्रीक प्रभाव भी पाया गया है।             

The Sakas : 1st Century BC – 4th Century AD

  • भारत में इंडो – ग्रीक की जगह बाद में शक (Sakas) ने ली थी।
  • जिन्हे, स्काइथियन के रूप में भी जाना जाता है।
  • भारत में 130 – 150 ईसा में सबसे प्रसिद्ध शक शासक के नाम थे रुद्रदामन
  • और, वे अपने सैन्यकरण तथा सार्वजनिक कार्यों और संस्कृत के संरक्षण के लिए भी प्रसिद्ध थे।
  • तथा, रुद्रदामन ने सातवाहन के खिलाप काफी लड़ाईया भी लड़ी थी।
  • और, रुद्रदामन के इलावा नहापना, उषावदेव, घमातिका, चश्ताना आदि.. महत्वपूर्ण शक (Sakas) शासक थे।                      
The Parthians : 1st Century BC – 1ST Century AD
  • मूल रूप से पार्थियन ईरान के थे।
  • और, शक (Sakas) के शासन काल में ही ईरान के पार्थियन ने उत्तर – पश्चिमी भारत में शक (Sakas) की जगह ले ली थी।
  • जिसके कारण, शक (Sakas) के शासन क्षेत्र को बहुत छोटा कर दिया था।
  • और, पार्थियन ने अपने क्षेत्र को बड़ा लिया था।
  • तथा, पार्थियन के सवसे प्रसिद्ध एक राजा थे,
  • जिनका नाम गोंडफर्नेस था।
  • और, गोंडफर्नेस के शासन काल में ही सेंट थॉमस (St. Thomas) ईसाई धर्म के प्रचार के लिए भारत आए थे।      
The Kushans : 1st Century AD – 3rd Century AD
  • कुषाण मध्य एशिया के पाँच येऊची (Yeuchi) कुलों में से एक कुल थे।
  • कुषाण ने उत्तर – पश्चिमी भारत में पार्थियनों की जगह ली,
  • और, फिर निचले सिंधु बेसिन और मध्य गंगा तक साम्राज्य को विस्तार किया।
  • प्रथम कुषाण वंश की स्थापना कडफिसेस I / कुजुल कडफिसेस द्वारा की गई थी।
  • और, कुषाण वंश का दूसरा राजा कडफिसेस II / वेमा कडफिसेस था।
  • जिन्होंने सोने के सिक्के जारी किए थे।
  • इसी तरह दूसरा कुषाण वंश कनिष्क द्वारा स्थापित किया गया था।
  • इसी शासन काल में कुषाण वंश के राजाओं ने ऊपरी भारत पर अपने शक्ति का विस्तार किया था।
  • उनकी राजधानियाँ पेशावर (पुरुषपुरा) और मथुरा में थीं।
  • कुषाण वंश में 78  – 101 ईसा में सबसे प्रसिद्ध कुषाण शासक कनिष्क था।
  • जिसे द्वितीय अशोक के नाम से भी जाना जाता है।
  • उन्होंने 78 ईसा में एक युग की शुरुआत की थी।
  • जिसे शक युग के रूप में भी जाना जाता है।
  • और, इस शक युग को भारत सरकार द्वारा उपयोग किया जाता है।
  • कनिष्क महायान बौद्ध धर्म का एक महान संरक्षक था।
  • इनके शासनकाल में कश्मीर के कुंडलवन में 4 वें बौद्ध परिषद का आयोजन किया गया था।
  • और, इसी परिषद में वसुमित्रा ने अध्यक्षता की थी।
  • जहाँ बौद्ध धर्म के महायान रूप के सिद्धांतों को अंतिम रूप दिया गया था।
  • और, इनके शासनकाल के समय ही शाही दरबार में परसवा, वसुमित्र, अश्वघोष, नागार्जुन, चरक और मथुरा जैसे कुछ विद्वानों को संरक्षण मिला था।
  • तथा, कुषाणों ने चीन से शुरू होने वाले प्रसिद्ध रेशम मार्ग को नियंत्रित किया था।
  • जो, उनके साम्राज्य से ईरान और पश्चिमी एशिया तक जाता था।
  • यह मार्ग कुषाणों की महान आय का स्रोत था।
  • तथा, कुषाण भारत के पहले शासक थे,
  • जिन्होंने व्यापक पैमाने पर सोने के सिक्के जारी किए थे।
  • और, इस वंश के अंतिम महान शासक वासुदेव प्रथम था।                   
Facts About Post Mauryan Period
  • Post Mauryan Period के समय तीन स्कूल प्रमुख थे।
  • अमरावती स्कूल, गांधार स्कूल और मथुरा स्कूल
  • इनमे अमरावती स्कूल को सुसज्जित किया गया गया था सातवाहन वंश के समय।
  • तथा, गांधार स्कूल और मथुरा स्कूल को सुसज्जित किया गया गया था,
  • शक (Sakas) और कुषाण (Kushans) के समय काल में।
  • जिसमे गांधार स्कूल में ग्रीक का काफी प्रभाव था।
  • जबकि, मथुरा स्कूल को एक स्वदेशी रूप ने विकसित किया था।
  • तथा, Post Mauryan Period के समय 46 – 47 ईस्वी में,
  • एक नाविक, हिप्पालस, ने पश्चिम एशिया से भारत के लिए मानसून समुद्री मार्ग की खोज की थी।
  • और, महत्वपूर्ण बंदरगाह थे, बैरगाजा और बारबेरिकम जो की पश्चिमी तट पर थे।
  • तथा, अरिकमेडु बंदरगाह पांडिचेरी पूर्वी तट के पास थे।
  • और, Post Mauryan Period में ही भारत का मध्य एशिया, चीन, रोमन विश्व और दक्षिण पूर्व एशिया से संपर्क था।           

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इसके साथ, Post Mauryan Period से जुड़ी कुछ प्रश्न और उत्तर नीचे दिए गए है, इसे पड़े। 

Most Important Question about Post Mauryan Period

1. कश्मीर में कनिष्क के शासनकाल के दौरान आयोजित बौद्ध परिषद की अध्यक्षता निम्नलिखित में से किसने की थी?

a. वसुमित्रा

b. पार्श्व

c. नागार्जुन

d. शूद्रक

Ans. a.  वसुमित्रा

2. यवनिका (पर्दे) को भारतीय रंगमंच में निम्नलिखित में से किसके द्वारा पेश किया गया था?

a. कुषाण

b. शकों

c. पार्थियन

d. यूनानियों (Greeks)

Ans. d. यूनानियों (Greeks)

3. भारत में पहली बार सैन्य प्रशासन की प्रथा किसके द्वारा शुरू की गई थी?

a. शकों

b. पार्थियन

c. यूनानियों (Greeks) “

d. मुगलों

Ans. c. यूनानियों (Greeks)

4. शक युग की शुरुआत किसने की थी जो आज भी भारत सरकार द्वारा उपयोग किया जाता है?

a. अशोक

b. कनिष्क

c. विक्रमादित्य

d. समुद्रगुप्त

Ans. b. कनिष्क

5. मथुरा स्कूल ऑफ़ आर्ट को किस काल में सुसस्जित किया गया था?

a. कुषाण काल

b. सुंग काल

c. सातवाहन काल

d. सूबा काल

Ans. a. कुषाण काल

6. भारत में सोने के सिक्के जारी करने वाले पहले राजा कौन थे?

a. गुप्ता

b. मौर्य

c. कुषाण

d. इंडो – ग्रीक

Ans. d. इंडो – ग्रीक

7. साकबदा / शक संवत (Saka Era) किस वर्ष में शुरू हुआ था-

a. 420 ई

b. 78 ई

c. 58 ई.पू.

d. 273 ई.पू.

Ans. b. 78 ई

8. कनिष्क के समकालीन कौन थे?

a. कालीदास, कंबन, वसुमित्र

b. नागार्जुन, अश्वघोष, वसुमित्र

c. कंबन, बाणभट्ट, अश्वघोष

d. अश्वघोष, कालीदास, बाणभट्ट

Ans. b. नागार्जुन, अश्वघोष, वसुमित्र

9. विंध्य आदिपति किसे कहा जाता था?

a. चंद्रगुप्त मौर्य

b. सिमुका

c. गौतमीपुत्र सतकर्णी

d. अशोक

Ans. c. गौतमीपुत्र सतकर्णी

10. कुषाण काल में सबसे बड़ा विकास किसके क्षेत्र में हुआ था?

a. आर्किटेक्चर

b. धर्म

c. कला

d. साहित्य

Ans. c. कला       

Another Important Question and Answer in this Post

1. कौन सी कला शैली जो भारतीय और ग्रीक के विशेषता को जोड़ती है?

a. नगर

b. सिखर

c. वेसर

d. गंधार

Ans. d. गंधार

2. कनिष्क की राजधानी कोन सी थी?

a. पाटलिपुत्र

b. पुरुषापुर

c. मथुरा

d. तक्षशिला

Ans. b. पुरुषापुर

3. निम्न शासकों में से किसे वर्ण व्यवस्था का रक्षक बताया गया है?

a. गौतमीपुत्र सतकर्णी

b. पुष्यमित्र शुंग

c. वासुदेव

d. खारवेला

Ans. d. खारवेला

4. सेंट थॉमस किसके शासनकाल के दौरान ईसाई धर्म का प्रचार करने के लिए भारत आये थे?

a. करिकाल (चोल)

b. गोंडफेरनीज़ (पार्थियन)

c. शेंगुट्टावन (चेरा)

d. नेंडुजेलियन (पंड्या)

Ans. b. गोंडफेरनीज़ (पार्थियन)

5. सातवाहनों की राजधानी किस पर स्थित थी?

a. दुर्ग

b. अमरावती

c. पैठण

d. नलदुर्ग

Ans. c. पैठण

6. शक युग कब और किसने शुरू किया था?

a. रुद्रदामन प्रथम 78 ई. में

b. 58 ईसा पूर्व में कडफिसेस

c. 58 ईसा पूर्व में विक्रमादित्य

d. 78 ईसा में कनिष्क

Ans. d. 78 ईसा में कनिष्क

7. निम्नलिखित में से किसने कनिष्क प्रथम के दरबार को शोभा नहीं दिया था?

a. विशाखदत्ता

b. अश्वघोषा

c. वसुमिट्रा

d. पार्श्व

Ans. a. विशाखदत्ता

8. चरक किस प्रसिद्ध शासक के दरबारी व्यक्ति थे?

a. चंद्रगुप्त मौर्य

b. अशोक

c. हर्ष

d. कनिष्क

Ans. d. कनिष्क

9. किस चीनी जनरल ने कनिष्क का बचाव किया था?

a. पान यांग

b. ची हुआंग तिवारी

c. पेन चाओ

d. हो ति

Ans. c. पेन चाओ

10. मौर्य साम्राज्य के विनाश के बाद आक्रमण की एक श्रृंखला थी, और भारत पर आक्रमण करने वाले पहले कोन थे?

a. शकों

b. इंडो – बैक्ट्रियन

c. कुषाण

d. इंडो – पार्थियन

Ans. b. इंडो – बैक्ट्रियन   

Post Mauryan Period related Question and Answer

1. कनिष्क के शासनकाल के दौरान एक बौद्ध परिषद को कहा पर आयोजित किया गया था?

a. पाटलिपुत्र

b. राजगृह

c. मगध

d. कश्मीर

Ans. d. कश्मीर

2. गांधार स्कूल ऑफ आर्ट का संबंध निम्नलिखित में से किस राजवंश से था?

a. मौर्य

b. चालुका

c. कुषाण

d. गुप्त

Ans. c. कुषाण

3. निम्नलिखित में से किस राजवंश ने सुंग वंश की जगह ली थी?

a. गुप्त

b. सातवाहन

c. कुषाण

d. कण्व

Ans. d. कण्व

4. गांधार स्कूल ऑफ आर्ट किसके शासनकाल से जुड़ा है?

a. चंद्रगुप्त विक्रमादित्य

b. अशोक

c. कनिष्क

d. हर्ष

Ans. c. कनिष्क

5. प्राचीन भारत में आक्रमणकारियों के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन सा सही कालानुक्रमिक क्रम है?

a. शकों-यूनानियों-कुषाण

b. ग्रीक-शकों-कुषाण

c. शकों-कुषाण-यूनानियों

d. ग्रीक-कुषाण-शकों

Ans. b. ग्रीक-शकों-कुषाण

6. कनिष्क की मुख्य प्रतिमा निम्न में से किस स्थान पर मिली थी?

 a. तक्षशिला

b. इलाहाबाद

c. मथुरा

d. सांची

Ans. c. मथुरा  

 

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