Energy Resources of India Hindi | भारत के ऊर्जा संसाधन

नमस्कार दोस्तों studyknown ब्लॉग पर आपसभी का स्वागत है। दोस्तों आजके ब्लॉग पोस्ट पर हम Energy Resources of India यानि भारत के ऊर्जा संसाधन के बारे में जानने वाले है। दोस्तों भारत में ऊर्जा के स्रोत के रूप में जीवाश्म ईंधन की एक बड़ी मात्रा का उपयोग करता है।

इसीलिए ऊर्जा की कई स्रोत के रूप में सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा, महासागरीय ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा तथा जैव-गैस ऊर्जा आदि मौजूद हैं। दोस्तों आगे इन पोस्ट में इन सभी ऊर्जा के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करेंगे।

इन पोस्ट को भी पड़े – Sources of Irrigation in India Hindi

Description of Solar Energy in the Context of the Energy Resources of India.

  • दोस्तों सौर ऊर्जा सूर्य से प्राप्त होने वाली विकिरण ऊर्जा है।
  • और, भारत एक उष्ण कटिबंधीय देश होने के कारन प्रत्येक वर्ष,
  • यहां लगभग 5000 किलो वॉट घंटा सौर ऊर्जा उत्पादन किया जाता है।
  • और, भारत में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, राजस्थान तथा गुजरात,
  • जैसे राज्यों सौर ऊर्जा उत्पादन का स्थान है।
  • और, देखा जाये तो वर्तमान में दो माध्यम से,
  • सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाता है।
  • पहला सौर तापीय तकनीक और दूसरा फोटोवोल्टिक तकनीक
  • और, इनमे से सौर तापीय तकनीक जो है,
  • इसका उपयोग आजकाल कम देखने को मिलते है,
  • और, सौर तापीय तकनीक के सहायता से सौर ऊर्जा को,
  • ताप ऊर्जा में बदला जाता है तथा इस तकनीक के उपयोग से,
  • पानी को लवणमुक्त करने, पानी को गरम करने,
  • भोजन पकाने तथा विद्युत उत्पादन के उद्देश्य से,
  • वाष्प उत्पन्न करने आदि के लिए किया जाता है।
  • और, दूसरा फोटोवोल्टिक तकनीक जो है,
  • इसका उपयोग आजकाल ज्यादा देखने को मिलते है,
  • जिसमे एक फोटोवोल्टिक प्लेट को सूर्य के समक्ष में रखा जाता है,
  • और, सूर्य से आनेवाली किरण से इस प्लेट में ऊर्जा का उत्पन्न होता है,
  • तथा, यह ऊर्जा युक्ति में जमा होने के वाद इसे वितरित किया जाता है।
  • और, इस तकनीक से सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है,
  • तथा, सड़कों, मकानों एवं दूर-दराज के क्षेत्रों में विद्युत को पहुंचया जाता है।

Some Important facts related to Solar Energy

  • दोस्तों भारत में सौर ऊर्जा का अनुसंधान केंद्र ग्वाल पहाड़ी हरियाणा में स्थित है।
  • और, सौर ताप ऊर्जा केंद्र राजस्थान के जोधपुर में स्थित है।
  • तथा, भारत में पहला सौर प्लांट लगाने वाला राज्य उत्तर प्रदेश के रामपुरा गाँव है।
  • और, भारत में गुजरात के फोटोवोल्टिक पॉवर स्टेशन के लिए,
  • अमेरिका के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है।  

Wind Energy | पवन ऊर्जा

  • यह ऊर्जा को बनाने के लिए पवन चक्कियों का इस्तेमाल किया जाता है,
  • और, पवन चक्कियों की उपयोग से पवन ऊर्जा को बनाया जाता है,
  • और, इस ऊर्जा को बनाने के लिए जिस स्थान पर,
  • हवा बिना किसी रुकावट बहती रहती है,
  • उस स्थान पर पवन चक्कियों को लगाया जाता है,
  • और, हवा की दबाव से जब यह चक्कियों घूमती रहती है,
  • तव पवन ऊर्जा उत्पादन होना चालू हो जाता है,
  • और, भारत में ओडिशा, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात तथा राजस्थान,
  • जैसे राज्यों के तटीय तथा मैदानी क्षेत्रों पवन ऊर्जा उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है।
  • और, इनमे से गुजरात के कच्छ का क्षेत्र जो है वह,
  • एशिया में सबसे बड़ी पवन ऊर्जा उत्पादन का परियोजना है,
  • जहां पर 1000 मेगा वॉट ऊर्जा उत्पादन की क्षमता है।
  • इसके साथ, भारत में राष्ट्रीय पवन ऊर्जा उत्पादन संस्थान चेन्नई में है।
  • और, पवन ऊर्जा उत्पादन के मामले में सबसे पहले चीन,
  • अमेरिका और जर्मनी है तथा चौथे स्थान पर भारत है। 

Geothermal Energy | भू-तापीय ऊर्जा  

  • भूतापीय ऊर्जा को पृथ्वी के अंदर संगृहीत तापीय ऊर्जा से निकाला जाता है,
  • जो पृथ्वी की अंतरिक परोतों में रेडियोधर्मी तत्वों के विघटन,
  • और, सतह पर अवशोषित सौर ऊर्जा से उत्पन्न होती है।
  • और, वर्तमान में भूतापीय ऊर्जाद्वारा बिजली को,
  • उत्पन्न करने के लिए बेहतर रूप से भी जाना जाता है।
  • और, इसके साथ दुनिया भर में भी भू-तापीय संयंत्रों में,
  • 10 गीगावाट बिजली उत्पन्न करने की क्षमता है,
  • जो बिजली की वैश्विक मांग का 0.3% की आपूर्ति करती है।
  • और, वर्तमन में इस ऊर्जा की व्यवसायिक उत्पादन का,
  • 88% विश्व के मात्र कुछ देशों तक ही सीमित है,
  • जैसे, इंडोनेशिया, फिलीपींस, नूजीलैंड एवं इटली आदि…
  • इसके साथ, भारत में मध्य प्रदेश के अनहोनी, ओडिशा के तप्तपानी  
  • उत्तराखंड के तपोवन तथा दामोदर घाटी क्षेत्र आदि में भी,  
  • भूतापीय ऊर्जा के कुछ संबंधी क्षेत्र मौजूद है। 
Energy Resources of India
Energy Resources of India
Ocean Energy | महासागरीय ऊर्जा
  • यह ऊर्जा समुद्री, लहरे, जल, तथा ज्वार के प्रमुख स्रोत होते है,
  • और, ज्वार के उठने तथा गिरने के समय संचालित यंत्रों से,
  • यह विद्युत ऊर्जा को उत्पन्न किया जाता है।
  • और, इस ऊर्जा को प्राप्त करने के लिए महासागर की गहराई में,
  • एक कक्ष (Chamber) को बनाया जाता है,
  • जिसमे टरबाइन लगा रहता है,
  • और, जल की दोलने से यह टरबाइन में से,
  • विद्युत उत्पन्न होना चालू होता शुरू होता है।
  • और, भारत देश तीनो और से जल से घीरे होने के कारन,
  • इसकी तटीय रेखा के सहारे कुल 40000 मेगावॉट के आसपास,
  • सामुद्रिक ऊर्जा उत्पन्न करने की क्षमता से परिपूर्ण है।
  • और, भारत का प्रथम “समुद्री तरंग विद्युत संयंत्र”,
  • केरल के विझिंगम में लगाया गया है।
  • इसके साथ, कच्छ की खाड़ी तथा खम्भात की खाड़ी में भी,
  • ज्वारीय ऊर्जा के लिए उपयुक्त स्थल है।
  • तथा, महासागरीय ऊर्जा अक्षय ऊर्जा के स्रोत है,
  • जो कभी न खतम होने वाली ऊर्जा है,
  • और, समुद्र के जल महासागरीय ऊर्जा रपान्तरण में,  
  • Thermal Energy Conversion यानि OTEC (ओटेक ऊर्जा) का स्रोत है। 
Description of Nuclear Energy in the Context of the Energy Resources of India
  • दोस्तों परमाणु ऊर्जा विद्युत ऊर्जा का चौथा प्रमुख स्थान है।
  • और, परमाणु संलयन (Nuclear Fusion) तथा परमाणु विखंडन (Nuclear Fission),
  • परमाणु के दो प्रक्रिया होते है और इनमे से परमाणु विखंडन के द्वारा ही,
  • परमाणु ऊर्जा को बनाया जाता है।
  • और, इस ऊर्जा की संयंत्रों में न्युट्रोन की गति को कम करने के लिए,
  • मंदक के रूप में भारी जल का इस्तेमाल किया जाता है।
  • इसके अलावा, ग्रैफाइट तथा बेरीलियम ऑक्साइड का भी प्रयोग किया जा सकता है।
  • इसके साथ, परमाणु विखंडन की गति को नियंत्रक के रूप में,
  • कैडमियम की छड़ का इस्तेमाल किया जाता है।
  • इसके अलावा, परमाणु बम का सिद्धांत भी,
  • इसी परमाणु विखंडन के सिद्धांत पर कार्य करता है।
  • और, अव बात करते है परमाणु संलयन के बारे में,
  • परमाणु संलयन के फलस्वरूप ही,
  • सूर्य की अंदर जो ऊर्जा है वह उत्पन्न होती है,
  • और, उष्मा के रूप में हमें प्राप्त होती है।
  • इसके साथ, हाइड्रोजन बम का सिद्धांत भी,
  • इसी परमाणु संलयन के सिद्ध्नात पर कार्य करता है। 
Some important facts related to nuclear power
  • भारत में परमाणु शक्ति के जनक के रूप में,
  • डॉ. होमी जहाँगीर भाभा को जाना जाता है।
  • और, उनके निर्देशन में 1948 में परमाणु ऊर्जा आयोग,
  • एवं 1954 में परमाणु ऊर्जा विभाग की स्थापना की गई थी।
  • और, उसी वर्ष ट्राम्बे में परमाणु ऊर्जा संस्थान को भी स्थापित किया गया था।  
  • जिसका नाम आगे चलकर के 1967 में,
  • भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र यानि BARC रखा गया था।
  • और, BARC का अर्थ है Bhabha Atomic Research Centre.
  • इसके बाद, 1987 में भारतीय परमाणु विद्युत निगम लिमिटेड,
  • यानि NPCIL का भी गठन किया गया था।  
  • जिसका अर्थ Nuclear Power Corporation of India Limited है।
  • और, उसके बाद भारत में जितने भी Nuclear (नाभिकीय) power point बने है,
  • उन सभी को इसी NPCIL के आधीन में कर दिया गया है।  
  • और, भारत में वर्तमान में परमाणु के 21 रिऐक्टर काम कर रहे है।
  • इसके साथ, भारत में नाभिकीय ईंधन कॉम्प्लेक्स की स्थापना भी,
  • 1971 में हैदरावाद में किया गया था।  
Bio-Gas Energy | जैव-गैस ऊर्जा
  • जैव ऊर्जा एक ऐसा ऊर्जा है जिसक प्रयोग ग्रामीण ऊर्जा संकट को,
  • दूर करने की उद्देश्य से उपयोग किया जाता है,
  • क्यों की यह ऊर्जा एक स्वच्छ और सस्ता स्रोत है,
  • और, इस ऊर्जा को जैविक उत्पादों से उत्पन्न किया जाता है,
  • जैसे, प्राकृतिक वनस्पति, गाय का गोबर, फसलों के अवशेष,
  • तथा, नगरीय अवशेष आदि… से जो ऊर्जा प्राप्त होते है,
  • उस ऊर्जा को जैव ऊर्जा के रूप में जाना जाता है।
  • और, भारत में प्रतिवर्ष लगभग 1000 मिलियन टन फसलों के अवशेष,
  • तथा, 500 मिलियन टन पशुओं के मल उपलब्ध होती है,
  • और, इन्ही पदार्थों से लगभग 6000 से 7000 मिलियन घन मीटर मीथेन गैस प्राप्त होते है।
  • इसके साथ पुरे भारत में लगभग 50% के आसपास,
  • घरेलु ईंधन की आवश्यकता भी इसी मीथेन गैस द्वारा पूरा किया जा सकता है।
  • और, भारत में जैव-गैस ऊर्जा प्राप्त करने की संयंत्र में,
  • मुंबई, पंजाब एवं दिल्ली आदि.. क्षेत्र है।
  • इसके साथ, भारत के कोयंबटूर, उदयपुर तथा पूसासमस्तीपुर में भी,
  • जैव-गैस ऊर्जा उत्पादन तकनीक संबंधी प्रशिक्षण केंद्र बनाये गए है। 

दोस्तों उम्मीद करता हूँ Energy Resources of India की यह पोस्ट पड़कर आपसभी को अच्छा लगा हो यदि यह पोस्ट आपसभी को पसंद आया है तो कृपया इन पोस्ट को facebook, twitter, pinterest और Instagram जैसे Social Sites पर share करे। और यह पोस्ट पड़ने के लिए आपसभी का धन्यवाद । 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *