Earthquakes caused Hindi | भूकंप के कारन | Volcanoes|ज्वालामुखी

नमस्कार दोस्तों studyknown ब्लॉग पर आपसभी का स्वागत है। दोस्तों आजके ब्लॉग पोस्ट पर हम भूकंप के कारन यानि Earthquakes caused के बारे में जानने वाले है। सबसे पहले हम समझते है की भूकंप कैसे होते है? पृथ्वी की पपड़ी के अचानक झटके या झटकों को भूकंप कहा जाता है। और, जब पृथ्वी की सतह के एक हिस्सा पे कंपन आता है, तो तव ‘भूकंप’ की स्थिति पैदा होती है।   

तथा, पृथ्वी की पपड़ी विभिन्न आकारों के विभिन्न भागों से बनी होती है। ज़िन्हें प्लेट्स (Plates) कहा जाता है। और, दुनिया में ज्यादातर भूकंप भू-प्लेटों की स्थानांतरित के कारन ही होते हैं। इसके साथ, ‘सिस्मोलॉजी’ (Seismology) भूविज्ञान की विशेष शाखा है, जो भूकंप के अध्ययन से संबंधित होते है। और, ‘रिक्टर स्केल’ भूकंप की तीव्रता को मापने या रिकॉर्ड करने का उपकरण है।

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Seismic Waves | भूकंपीय तरंगें | Earthquakes caused

  • जिस स्थान पर भूकंपीय लहरें पृथ्वी की सतह के नीचे उत्पन्न होती हैं,
  • उसे भूकंप का केंद्र कहा जाता है।
  • और, उपकेंद्र जमीन की सतह पर स्थित एक बिंदु होते है,
  • जिसे, फोकस (Focus) कहते है।
  • और, यह बिंदु फोकस के सबसे नजदीक होता है।
  • भूकंपीय तरंगों को सिस्मोग्राफ पर दर्ज किया जाता है।
  • तथा, भूकंपीय तरंगें मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते है,
  • प्राथमिक तरंगें, द्वितीयक तरंगें और सतह या लंबी तरंगें
  • और, भूकंप के दौरान सबसे पहले जो तरंग आते है,
  • उसे, प्राथमिक तरंगें या P तरंगे कहते है।
  • यह तरंगे 8 किलोमीटर प्रति सेकंड के तीब्र से आते है।
  • तथा, द्वितीयक तरंगे प्राथमिक तरंगें के बाद का क्रिया है,
  • इसे S तरंगें भी कहा जाता है,
  • और, यह तरंगें 4 किलोमीटर प्रति सेकंड से गुजरती है।
  • उसके वाद तीसरा तरंगे यानि सतह या लंबी तरंगें जो सबसे वाद में आते है,
  • इसे L तरंगें के नाम से भी जाना जाता है,
  • इस तरंगें का तीब्रता 1.5 से 3 किलोमीटर के बिच होते है।
  • इन तीनो तरंगो में से प्राथमिक तरंगें या P तरंगे पृथ्वी के केंद्र से होकर गुजरते है।
  • बाकि दो तरंगे नही गुजरती है।
  • लेकिन, तीसरा L तरंगे या लंबी तरंगें जो बाद में आते है।
  • वह तरंगे सबसे विनाशकारी होते है।
  • और, भूकंप जो आते है,
  • वह Plates में गति के कारन आते है।    

Some earthquake areas | भूकंप के कुछ क्षेत्र

  • दोस्तों देखा जये तो जापान में सबसे ज्यादा भूकंप आते है।
  • क्यों की जापान एशियाई प्लेट्स और प्रशांत महासागर प्लेट्स के,
  • ऊपर स्थित होने के कारन, जापान में ज्यादा भूकंप आते है।
  • तथा, भारतीय प्लेट दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ने के कारन ही,
  • हिमालयी क्षेत्र में भूकंप आते हैं।
  • इसलिए नेपाल में भी भूकंप ज्यादा आते है।
  • इसी तरह भारत में भी भूकंप कुछ क्षेत्र में आते है।
  • जैसे जम्मू और कश्मीर, उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, असम और मणिपुर अदि…
  • लेकिन, पिछले कुछ वर्षों के दौरान महाराष्ट्र,
  • और, गुजरात के अलग-अलग क्षेत्र में तीव्रता से कई भूकंप आए हैं।  
Earthquakes caused
Earthquakes caused

दोस्तों इस पोस्ट में भूकंप के कारन को वर्णन करने के साथ साथ ज्वालामुखी के बारे में भी जानकारी दी गई है। ज्वालामुखी विस्फोट होने के कारन का है? निम्न में दिये गए है, इसे पड़े  

Volcanoes | ज्वालामुखी

  • मैग्मा या पिघला हुआ चट्टान विभिन्न कारणों से जमीन की सतह के नीचे बनता है।
  • यह पिघला हुआ चट्टान जमीन को चीरते हुए बाहर निकलता है।
  • और, कभी-कभी, यह बाहर निकलने के बजाय जमीन की सतह के नीचे ठंडा हो जाता है।
  • इन सभी गतिविधियों को ज्वालामुखीय गतिविधियाँ कहा जाता है।
  • और, इसी कारन अनादि काल से ज्वालामुखी गतिविधियाँ होती रही हैं।
  • ज्वालामुखी तीन प्रकार के होते हैं,
  • सक्रिय ज्वालामुखी, निष्क्रिय ज्वालामुखी और विलुप्त ज्वालामुखी

‘’Types of Volcanic Eruption | ज्वालामुखी विस्फोट के प्रकार’’

  • ज्वालामुखी विस्फोट को मैग्मा की अस्वीकृति के तरीके के आधार पर,
  • दो प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है,
  • केंद्रीय विस्फोट (Central Eruption) और विदर विस्फोट (Fissure Eruption)
Central Eruption | केंद्रीय विस्फोट
  • इस प्रकार का विस्फोट कभी-कभी बहुत विस्फोटक होता है।
  • क्योंकि लावा, भाप, गैस, धूल, धुआं, पत्थर के टुकड़े,
  • जमीन के नीचे से एक संकीर्ण पाइप से,
  • अधिक तीव्रता के साथ बाहर निकाल कर आते हैं।
  • और, इस प्रकार के विस्फोट शंकुधारी या गुंबद के,
  • आकार की पहाड़ियों को जन्म देता है।
  • और, केंद्रीय विस्फोट के कारन बने ज्वालामुखी पर्वतों के,
  • कुछ उदाहरण को पर्वत कहते हैं।
  • जैसे, अफ्रीका के किलिमंजारो, जापान के फुजियामा,
  • और, इटली के वेसुवियस एवं एटना पर्वत
  • और, यह मूल रूप से अम्लीय लावा पर्वत है।
Fissure Eruption | विखंडन विस्फोट
  • जमीन की सतह में एक बहुत लंबी विदर (दरारें) विकसित होती है।
  • और, इसलिए, पिघली हुई चट्टान, और इसके के टुकड़े, प्रणाली,
  • तथा, गैसें, धीरे-धीरे बाहर निकलती हैं,
  • और, यह विस्फोट बहुत धीमी गति से होते हैं,
  • जो, की इस लावा को और अधिक द्रवित करता है,
  • और, यह अधिक दूरी पर फैलता है।
  • इसके साथ, लावा समय-समय पर जमीन पर ठंडा हो जाता है।
  • जिससे उस क्षेत्र में सतह की मोटाई बढ़ जाती है।
  • और, इन विस्फोटों के कारन बेसाल्ट पठार ही बनते हैं।
  • यह बेसाल्ट पठार दक्षिण अमेरिका में ब्राजील,
  • और, पश्चिम एशिया में सउदी अरब,
  • और, भारत में दक्कन पठार में पाए जाते हैं।
  • तथा,  महाराष्ट्र में, बेसाल्ट चट्टानों से उपजाऊ काली रेगुर मिट्टी पाई जाती है,
  • जिसे काली कपास की मिट्टी भी कहा जाता है।

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